HARYANA: हरियाणा के मंत्री रंजीत सिंह चौटाला ने गुरुवार को कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया, जब उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा टिकट नहीं दी गई।
रंजीत चौटाला, जो पूर्व हरियाणा मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के भाई भी हैं। रंजीत चौटाला, जो सिरसा जिले के रानिया क्षेत्र से पूर्व विधायक हैं, ने स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लडऩे का निर्णय लिया है। ये चुनाव 5 अक्टूबर को होंगे और नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे, जम्मू-कश्मीर के चुनावों के साथ।
रंजीत सिंह चौटाला चाहते थे की वे रानिया सीट से चुनाव लडना चाहते थे। लेकिन भाजपा ने शिशपाल कांबोज को मैदान में उतारा। चौटाला ने इस साल की शुरुआत में लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा जॉइन की थी। जिसके बाद उन्होंने स्वतंत्र विधायक के तौर पर इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने हिसार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन कांग्रेस के जय प्रकाश से हार गए थे।
चौटाला अभी भी पावर मंत्री बने रहे, क्योंकि नियमों के अनुसार एक राजनीतिज्ञ विधानसभा का सदस्य न होने के बावजूद छह महीने तक मंत्री बने रह सकता है।
पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल के बेटे रंजीत चौटाला ने 2019 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा उन्हें नजरअंदाज किए जाने के बाद स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा।
भाजपा की पहली सूची में 67 उम्मीदवार
भाजपा ने अपने 67 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को लाडवा से उम्मीदवार बनाया गया है। तो वहीं अनिल विज को उनके गढ़ – अंबाला कैंट से उम्मीदवार बनाया गया है।
कर्नाल, जिसका प्रतिनिधित्व वर्तमान में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी प्रतिनिधित्व करते हैं। वह अब वरिष्ठ नेता जगमोहन आनंद को मिला है। जिन्हें पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का करीबी बताया जाता है।
भाजपा के 41 विधायकों में से आधे से अधिक को एक बार फिर से नामित किया गया है। वहीं, पहली सूची में आठ महिलाएं भी शामिल हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल की पोती और वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को तोशाम से उम्मीदवार बनाया गया है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती सिंह राव अटेली से चुनाव लड़ेगी।