Helmet Bank in Delhi-NCR News: दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं में बहुत से लोग अपनी जान गवा बैठते है। दिल्ली पुलिस इसी कारण सोशल मीडिया के साथ-साथ भौतिक रूप से भी लोगो को जागरूक करने का प्रयास करती है। अब एक और प्रयास किया गया है। एक हेलमेट बैंक खुल कर है। यह बैंक संदीप शाही ने खोला है। जो दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल है। यहाँ से आप अपना मतदान पत्र दिखाकर,मोबाइल और गाड़ी नंबर लिखवा कर फ्री में हेलमेट ले जा सकता है। वो भी पूरे दिन के लिए।
दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं में बहुत से लोग अपनी जान गवा बैठते है। जिसमें बहुत से लोग वो होते है जो दोपहिया वाहन चलाते है। इसका एक कारण उनका हेलमेट नहीं पहनना भी है। हेलमेट पहनने को लेकर आए दिन दिल्ली पुलिस लोगो को सोशल मीडिया के साथ-साथ भौतिक रूप से भी जागरूक करने का प्रयास करते रहती है।
अब इसी प्रयासो में एक और प्रयास किया गया है। दिल्ली पुलिस ने एक बैंक खुला है। लेकिन यह कोई ऐसा-वैसा बैंक नहीं, बल्कि हेलमेट बैंक है। यहाँ कोई भी दोपहिया वाहन चलाने वाला व्यक्ति 24 घंटे के लिए आइएसआइ मार्क वाला हेलमेट ले जा सकता है। वो भी बिल्कुल फ्री में। हेलमेट ले जाने से पहले आपको अपना मतदान पत्र दिखाकर, मोबाइल और गाड़ी नंबर लिखवाना होगा।
Helmet Bank in Delhi ,कहाँ उपलब्द है यह सुविधा?
लोगो को सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान ना गवाना पड़े उसके लिए दिल्ली पुलिस ने हेलमेट बैंक खोला है। लेकिन यह सुविधा अभी पूरी दिल्ली में लागू नहीं हुई है। यह सुविधा केवल दिल्ली के मधुबन चौक पीतमपुरा में उपलब्द है। यह सुविधा आपको सुबह आठ से रात आठ बजे तक मिल सकेगी।
कैसे आया यह अद्भुत विचार?
आपको बता दे कि हेलमेट बैंक खोलने का अद्भुत विचार संदीप शाही को आया था। वह दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल है। अभी संदीप शाही दिल्ली पुलिस पीसीआर यूनिट में तैनात हैं। इन्होंने ही अपने इस विचार को असलियत का रूप दिया है। शाही ने दिल्ली में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं में चालकों को सुरक्षित रखने वं दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यह बैंक की स्थापना की है।
आपको यह भी बता दे कि इस हेलमेट बैंक को खोलने के लिए संदीप शाही ने उन जमा राषि का उपयोग किया है। जो उन्हें दिल्ली पुलिस आयुक्त से सड़क सुरक्षा में सराहनीय कार्य करने कारण सम्मानित राषि प्राप्त हुई थी।
आपको यह भी बता दे कि- संदीप शाही 7 सालो से निरंतर सड़क दुर्घटनाओं को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। वे अपने जन्मदिन, रक्षाबंधन, सालगिरह आदि खुशियों के मौके पर अपने वेतन से पैसो की बचस कर उन लोगो को हेलमेट पहनाकर जागरूक कराने का प्रयास करते है जो बिना हेलमेट के वाहन चलाते है। अभी तक संदीप शाही ने करीब 2400 हेलमेट बांट चुके हैं।
यह थी असली वजह
हेलमेट बैंक एक बहुत अच्छा कदम है। सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के प्रयास में। लेकिन जब संदीप शाही से पूछा गया कि इसे खोलने की असली वजह क्या थी?
तो संदीप शाही ने बताया कि- कई बार ऐसा होता है जब लोग अपने किसी साथी या जानकार के साथ दोपहिया वाहन में सफर करते है। लेकिन वह सफर कुछ ही घंटो का होता है। ऐसे में कुछ ही समय के लिए हमें हेलमेट की आवश्यकता होती है। ऐसे में हजार रुपये हेलमेट में खर्च करना सही नहीं लगता है और बिना हेलमेट के ही सफर करना पड़ता है। जिसमें जान का भी खतरा होता है। इसी वजह से यह हेलमेट बैंक खोला गया है। जिससे ऐसे लोग बिना हेलमेट न चलें।