केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में देश का आगामी बजट पेश कर रही हैं। इस दौरान उन्होंने Income Tax को लेकर बड़ा ऐलान किया और कहा कि अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई Tax नहीं लगेगा। यह फैसला मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है, क्योंकि इससे कई करदाताओं को छूट मिलेगी। सरकार के इस कदम से आम जनता को आर्थिक सहयोग मिलने की उम्मीद है।

Finance Minister Nirmala Sitharaman’s budget address last one hour and 14 minutes this year.(Sansad TV)
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए 2025 के बजट में Income Tax स्लैब को लेकर एक बड़ा बदलाव किया है, जो आम नागरिकों, खासकर मिडिल क्लास के लिए राहत लेकर आया है। वित्त मंत्री ने आज संसद में घोषणा की कि अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। यह ऐलान उन लाखों भारतीयों के लिए राहत का कारण बन सकता है, जो हर साल अपनी आय पर टैक्स चुकाते थे। यह कदम मिडिल क्लास के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है, क्योंकि अब उन्हें अपनी मेहनत की कमाई में ज्यादा पैसे बचाने का अवसर मिलेगा।
जाने कब कब बढ़ी आयकर (Income Tax) छूट सीमाएं
अब, अगर हम इतिहास में देखें, तो पिछले कुछ सालों में भी Income Tax छूट की सीमाएं कई बार बढ़ाई गई हैं। आइए जानते हैं, ये बदलाव कब-कब हुए और कैसे इसने आम आदमी की जिंदगी को प्रभावित किया:
2005 में आयकर छूट की सीमा 1 लाख रुपये तय की गई थी। इससे पहले लोग अपनी आय के बड़े हिस्से पर टैक्स चुकाते थे, लेकिन इस बदलाव के बाद, एक सामान्य नौकरीपेशा व्यक्ति को राहत मिली।
2012 में सरकार ने इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया। इस कदम से आम आदमी को राहत मिली, क्योंकि अब 2 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता था।
2014 में वित्त मंत्री ने 2.5 लाख रुपये से 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स न लगाने की घोषणा की। इस दौरान टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया, जिससे लाखों भारतीयों को राहत मिली।
2017-18 में वित्त मंत्री ने 2.5 लाख रुपये से 3 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स में छूट दी, जबकि 5 लाख रुपये तक की आय पर 5% टैक्स लागू किया गया। इस कदम से आयकर की दायरे में आने वाले लाखों लोगों को राहत मिली।
2019-20 में वित्त मंत्री ने घोषणा की कि अब 5 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट दी जाएगी। यह छूट करोड़ों भारतीयों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई, क्योंकि इससे आम आदमी की टैक्स वसूली कम हुई और उन्हें अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा बचाने का मौका मिला।
2023 में इसे 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया, जिससे आम जनता को और अधिक राहत मिली।
और अब, 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार 12 लाख रुपये तक की आय पर पूरी तरह टैक्स छूट की घोषणा की है। इससे मिडिल क्लास और उच्च मिडिल क्लास के लाखों लोग लाभान्वित होंगे। इससे न केवल उन्हें अपनी कमाई पर टैक्स बचाने का मौका मिलेगा, बल्कि यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगा, क्योंकि लोग अब अपनी बचत और खर्च को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकेंगे।यह बदलाव भारतीय टैक्स प्रणाली में एक महत्वपूर्ण कदम है और इसका असर भारतीय नागरिकों की आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक रूप से पड़ेगा।
मिडिल क्लास के लिए यह राहत का एक बड़ा कदम है, जो लंबे समय से टैक्स रिफॉर्म्स की उम्मीद कर रहे थे।इस बार के बजट में वित्त मंत्री का यह ऐलान मिडिल क्लास के लिए एक बहुत बड़ी सौगात साबित हो सकता है। यह दिखाता है कि सरकार आम आदमी की चिंता कर रही है और उनके वित्तीय बोझ को कम करने के लिए लगातार कदम उठा रही है।आखिरकार, यह टैक्स छूट हमें यह भी सिखाती है कि सरकार की नीतियां बदल सकती हैं, और अगर हम एकजुट होकर अपनी मांगें उठाते हैं, तो उन पर विचार किया जा सकता है। इस बदलाव के बाद, हमें यह देखना होगा कि आने वाले समय में इसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था और नागरिकों की जिंदगी पर कैसे पड़ता है।
नई टैक्स रिजीम
12 लाख सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं
12-16 लाख की आय पर 15% टैक्स
16-20 लाख की आय पर 20% टैक्स
20-24 लाख की आय पर 25% टैक्स
24 लाख से ज्यादा आय पर 30% टैक्स
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