Kolkata Doctor Rape and Murder: कोलकाता में आईजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले को लेकर पश्चिम बंगाल की सरकार इन दोनों बैकफुट पर है।
इस मामले ने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के बीच मतभेदों को सामने ला दिया है।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना के विरोध में देश भर में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं मामले में बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट तक फटकार सूनी पड़ी है इन सब के बीच इस मामले को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी के बीच बड़े मतभेद बिल्कुल कर सामने आ गए हैं।
यह मतभेद राज्य के कम्युनिस्ट शासन काल के उसे दौर की याद दिलाते हैं जब ज्योति बसु और प्रमोद दास गुप्ता जैसे नेताओं के बीच मतभेद खुलकर सामने आए थे इस राज्य सरकार के राइट्स बिल्डिंग मुख्यालय और पार्टी के अलीमुद्दीन स्ट्रीट मुख्यालय के बीच संघर्ष के रूप में भी जाना जाता है आज यह आंतरिक मतभेद में सरकारी मुख्यालय और कमैक स्ट्रीट में अभिषेक के कार्यालय के बीच फिर से उभर रहे हैं।
अभिषेक बनर्जी ने बनाई दूरी।
अभिषेक ने कोलकाता रेप और हत्याकांड के हाई प्रोफाइल मामले से खुद को दूर रखा है उन्होंने सीबीआई से त्वरित कार्रवाई की मांग करते हुए ममता ( दीदी ) की रैलियां और पद यात्राओं में भाग नहीं लेने का विकल्प चुना है अभिषेक के करीब सूत्रों ने उनके असंतोष के कई कर्म पर प्रकाश डाला है।
1-अस्पताल अध्यक्ष संदीप घोष को तत्काल निलंबित ना किया जाना
2-हटाए जाने के बाद संदीप घोष का तत्काल अच्छे पद पर बदला।
3-अभिषेक का मानना है कि अपने साफ सुथरी छवि के लिए जानी जाने वाली ममता ने भ्रष्ट आचरण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की।
4-मुख्यमंत्री के करीबी डॉक्टर के एक समूह को संदीप घोष का समर्थन करने वाला माना जाता है यह समूह कथित भ्रष्टाचार के लिए सोशल मीडिया जांच के दायरे में है और अभिषेक को लगता है कि पार्टी की छवि बनाए रखने के लिए कठोर से कठोर कार्रवाई आवश्यक है।
5-14 अगस्त को हुए मामले के बाद अभिषेक ने पुलिस कमिश्नर को फोन करके त्वरित कार्रवाई की जो दीदी की अपेक्षाकृत संतुलित प्रतिक्रिया के विपरीत तत्परता को रेखांकित करता है।
दूसरी तरफ दीदी अपने एप्रोच की वजह बताती है।
वह अभिषेक के करीबी पूर्व आर एस सदस्य शांतनु सेन को गुटबाजी का जिम्मेदार मानती है उन्होंने कुछ दिन पहले ही पेशेंट कमेटी और पार्टी प्रवक्ता के पद से हटा दिया गया था।
संकट में अभिषेक की सक्रिय भागीदारी की कमी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि उन्हें रैली में भाग लेना चाहिए और जिम्मेदारी दिखानी चाहिए।
जैसे-जैसे इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई नजदीक आ रही है दीदी और अभिषेक की मीडिया टीम को दरकिनार करते हुए सीधे मीडिया को संभाल रही है मतभेद के बावजूद व संकट से निपटने के लिए खुद प्रमुख चेहरा बनी हुई है अभिषेक सितंबर के मध्य में आंख की सर्जरी के लिए न्यूयॉर्क जाने वाले हैं जिससे कायासों का बाजार गर्म हो गया है।
सभागार में मिला था डॉक्टरका शव।
आपको बता दे की महिला डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह अस्पताल के सभागार में मिला था अस्पताल परिसर में अक्सर आने-जाने वाले एक व्यक्ति को इस मामले में 10 अगस्त को गिरफ्तार किया था इस घटना के बाद से पूरे देश में चिकित्सा सेवाएं प्रवाहित हुई है और सैकड़ो चिकित्सक विभिन्न संगठनों के बैनर तले हड़ताल पर है और चिकित्सकों की सुरक्षा की मांग करें।