Delhi News: दिल्ली के उपराज्यपाल ने दिल्ली महिला आयोग के अधिनियम का हवाला देते हुए कहा जब केवल 40 पद ही स्वीकृत हैं और 223 कर्मचारियों को तत्काल निकाल देने का आदेश दिया।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली महिला आयोग के कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली महिला आयोग के 223 कर्मचारियों को तत्काल निकाल देने का आदेश दे निष्कासित कर दिया। असल में आरोप यह है कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इन 223 कर्मचारियों की अपॉइंटमेंट रूल्स के खिलाफ जाकर बिना आज्ञा के की गई थी।
बिना अनुमति के भर्ती की थी।
असल में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस आदेश को देते हुए दिल्ली महिला आयोग के अधिनियम का ज़िक्र किया है जिसमें साफ-साफ कहा गया है कि- आयोग में केवल 40 पद ही मान्य हैं और ‘Delhi Commission for Women’ के पास कॉन्ट्रैक्ट पर कर्मचारी रखने का अधिकार नहीं है।
इसके साथ ही दिल्ली महिला आयोग के अपर निदेशक के इस आदेश में ये भी कहा गया है कि नई अपॉइंटमेंट्स से पहले जरूरी पदों का कोई तफ्तीस नहीं हुआ था और ना ही अतिरिक्त व्यय की अनुमति ली गई थी।
आपको यह भी बता दे कि यह कारवाई LG वीके सक्सेना से पहले वर्ष 2017 के तत्कालीन उपराज्यपाल अनिल बैजल को सौपी गई थी और यह कारवाई उसी जाँच रिपोर्ट के आधार पर की गई है।
आपको यह भी बता दें कि- दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद भी रह चुकी है उन्होंने इसी वर्ष 5 जनवरी को अपने पद से इस्तीफा दिया था।
200 से ज्यादा नियुक्ति कैसे?
लेकिन अब भी यह एक प्रश्न सामने आता है कि जब 200 से ज्यादा पदो पर नियुक्ति नही कर सकते तो फिर यह नियुक्ति कैसे हो गई और इन्हें इतने दिन काम कैसे करने दिया गया क्योंकि कोई भी सरकारी नियुक्ति से पहले वित्त विभाग के साथ कई और भी विभागों से आज्ञा लेनी पड़ती है।