Paris Olympics Opening Ceremony: पेरिस 2024 ओलंपिक ने पहला मॉडर्न गेम्स ओलंपिक्स बन कर इतिहास रच दिया है। क्योंकि ऐसा पहली बार है जब किसी मॉडर्न ओलंपिक गेम्स ने जहां मेल और फीमेल पार्टिसिपेंट्स की संख्या बराबर हो। इस साल महिलाएं और पुरुष खिलाड़ीयों की संख्या बराबर है। जो पहली बार है।
ओपनिंग सेरेमनी के दौरान ऐसी महिलाओं की स्टेचू लगाए गए जिन्होंने अपने क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया। इन महिलाओं के स्टेच्यू में
गिसेल हलीमी (1927-2020)
क्रिस्टीन डी पिज़ान (1364-1431)
ऐलिस इडा एंटोनेट गाइ-ब्लाचे (1873-1968)
के स्टेच्यू शामिल थे। इन तीनों ही महिलाओं ने समाज में रहकर समाज की भलाई का काम किया था। जो उस समय में काफी अभूत पूर्व था।
💛 A tribute to 10 golden heroines of French history.
Olympe de Gouges, Alice Milliat, Gisèle Halimi, Simone de Beauvoir, Paulette Nardal, Jeanne Barret, Louise Michel, Christine de Pizan, Alice Guy and Simone Veil.#Paris2024 #OpeningCeremony pic.twitter.com/VeUCrrDJ5q
— The Olympic Games (@Olympics) July 26, 2024
सेरेमनी में सबसे खास बात भारतीयों के लिए जो थी इन स्टेच्यू के ऊपर लिखा विवरण हिंदी में भी था। इन तीनों फ्रेंच महिलाओं के जीवन वृत्तांतों के लिए कल 6 भाषाओं का प्रयोग किया गया था।
जिनमें क्रम अनुसार, फ्रेंच भाषा
अंग्रेजी भाषा
चीनी भाषा
अरबी भाषा
स्पेनिश भाषा
और हमारी हिंदी भाषा शामिल थीं।
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाख ने कहा “ओलंपिक गेम्स और खेल की दुनिया में ये पल अब तक के महिलाओं के इतिहास में सबसे खास है।”
फेस उद्घाटन समारोह में हिंदी को भी ग्लोबल लेवल पर देखना और लैंगिक समानता को देखना एक अच्छा बदलाव है। जो इस बार की ओपनिंग सेरिमनी को सबसे खास बनाता है
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