Pollution-based vehicle scrapping policy: भारत सरकार ने वाहन स्क्रैपिंग नीति को लेकर नई योजना बनाई है। जिसमें सरकार अब वाहन कितना पुराण है इसकी बजाय प्रदूषण स्तर पर स्क्रैपिंग आधारित करने की योजना बना रही है। इस बात की जानकारी मंगलवार को एक अधिकारी दी गई।
सरकार की अपील, वाहन उद्योग सहयोग करे।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन ने भारतीय वाहन निर्माता समाज (SIAM) के वार्षिक सम्मेलन में वाहन उद्योग से आग्रह किया कि वे प्रदूषण जांच का एक “भरोसेमंद” कार्यक्रम बनाने में सरकार की मदद करें।
अब वाहन की उम्र के आधार पर स्क्रैपिंग ज़रूरी नहीं
जैन ने कहा, “जब आप 15 साल के बाद वाहन को अनिवार्य रूप से स्क्रैप करने की नीति लाते हैं, तो लोग हमसे सवाल करते हैं कि अगर मैंने अपने वाहन को अच्छी तरह से मेंटेन किया है, तो आप मेरे वाहन को स्क्रैप क्यों करना चाहते हैं? आप इसे अनिवार्य नहीं कर सकते।” इसलिए अनुराग जैन कहते हैं की अब हम इसी दिशा में काम कर रहे हैं।
प्रदूषण के आधार पर नीति का अध्ययन
जैन ने बताया कि सरकार इस मुद्दे को केवल प्रदूषण के नजरिए से अध्ययन कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या हम BS-II से पहले के वाहनों के लिए नियम बना सकते हैं? हम उम्र की बात नहीं कर रहे हैं। क्या हम BS-I या प्री-BS-I वाहनों के लिए प्रदूषण की सीमा तय कर सकते हैं?” यहाँ सरकार की कोशिश है की इस निति पर सभी अपना भरोसा जता सकें। उन्होंने कहा कि प्रदूषण जांच प्रक्रिया को अधिक विश्वसनीय बनाना होगा। जैन ने कहा -“अभी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बजाय, आपको एक भरोसेमंद प्रमाणपत्र देना होगा,”
वाहन स्क्रैपिंग नीति के तहत छूट की सराहना
जैन ने वाहन उद्योग की सराहना की, जिन्होंने पुरानी स्क्रैप की गई गाड़ियों के बदले नई खरीद पर 3 प्रतिशत तक की छूट देकर वर्तमान वाहन स्क्रैपिंग नीति का समर्थन देने का काम किया है।
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