Sumit Antil Paris Paralympics 2024: पेरिस पैरालंपिक में रिकॉर्ड बनाने के साथ ही गोल्ड मेडल जीते सुमित अंतिल।

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Sumit Antil Paris Paralympics 2024: भारतीय जैवलिन थ्रोबाज सुमित अंतिम ने पेरिस पैरालंपिक में भारत को दिलाया गोल्ड मेडल: सुमित ने अपने दूसरे प्रयास में रिकॉर्ड थ्रू करके यह उपलब्धि हासिल की।

भारतीय जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिम ने स्वर्ण पदक पर कब्जा किया सुमित ने अपने दूसरे प्रयास में रिकॉर्ड थ्रू करके या उपलब्धि हासिल की सुमित ने इससे पहले टोक्यो पैरालंपिक में भी गोल्ड मेडल जीता था।

पेरिस पैरालंपिक 2014 में भारतीय खिलाड़ियों का धमाकेदार प्रदर्शन जारी है आप सुमित अंतिम ने मैच जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीता सुमित ने अपने दूसरे प्रयास में 70.59 मीटर दूर भाला फेंक कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया सुमित अंतिम का यह तो पैरालंपिक गेम की इतिहास का बेस्ट थ्रू रहा उधर बैडमिंटन खिलाड़ी नित्य श्री शिवम ने विमेंस सिंगल में ब्रॉन्ज मेडल जीता निया ने ब्रॉन्ज मेडल के मैच में इंडोनेशिया की रीना मरीना को 21, 14 21,6 से हराया।

Sumit Antil Paris Paralympics 2024 Final :फाइनल मैच में सुमित अंतिम का प्रदर्शन।

पहले थ्रू 69.11 मीटर ।
दूसरा थ्रू 70.59 मीटर ।
तीसरा थ्रू 66.66 मीटर ।
चौथ थ्रू फाउल ।
पांचवा थ्रू 69.04 मीटर।
छठ थ्रू 66.57 मीटर।

इस इवेंट में श्रीलंका के दुल्हन 66.03 मी ने सिल्वर ऑस्ट्रेलिया के मिसाल ओरियन 64.89 मी ने कांस्य पदक जीते भारत के ही संदीप चौधरी 62 पॉइंट 80 मी चौथे स्थान पर है एफ 64 स्पर्धा में एथलीट की टीम अंक के साथ खड़े होकर हिस्सा लेते हैं।

सुमित अंतिम ने इस मुकाबले में अपना ही पैरा ओलंपिक रिकॉर्ड तोड़ा उन्होंने पहले प्रयास में 69 पॉइंट 11 मी का प्रयोग किया जो नया पैरालंपिक रिकॉर्ड रहा इसके बाद दूसरे प्रयास में उन्होंने 70 पॉइंट 59 मी भाला फेंक कर फिर एक बार अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा सुमित ने टोक्यो पैरालंपिक में भी गोल्ड मेडल जीता था।

जब ट्रक हादसे में सुमित ने गंवा दिया पर।

हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले सुमित अंतिम का जन्म 7 जून 1998 को हुआ था सुमित जब 7 साल के थे तब एयरफोर्स में तैनात पिता राजकुमार की बीमारी से मौत हो गई थी पिता का साया उठने के बाद मां निर्मला ने हर दुख आसान करते हुए चारों बच्चों का पालन पोषण किया 12वीं पढ़ाई के दौरान सुमित के साथ भयानक हादसा हुआ 5 जनवरी 2015 की शाम को वह ट्यूशन लेकर बाइक से वापस आ रहे थे तभी सीमेंट के कट्टो से भरी ट्रैक्टर ट्राली ने सुमित को टक्कर मार दी और काफी दूर तक घसीटते ले गई।

इस हाथ से में सुमित को अपना एक पर गवना पड़ा हादसे के बावजूद सुमित का भी उदास नहीं हुए रिश्तेदारों व दोस्तों की प्रेरणा से सुमित ने खेलों की तरफ ध्यान दिया और साइन सेंटर पहुंचे जहां एशियाई रजत पदक विजेता कोच वीरेंद्र धनकर से उन्हें मार्गदर्शन मिला और उसे लेकर दिल्ली पहुंचे यहां द्रोणाचार्य अवार्ड डी कोक नवल सिंह से जैवलिन थ्रो के गुण सीखें।

कभी हार न मानने वाले जज्बे ने उन्हें आगे बढाया:

Sumit Antil ने कभी अपने आप को किसी से कम नही समझा और ओने आओ को इस काबिल बनाया की वोह किसी से कम न हो सके और उन्होंने अपने खेल बढ़िया तरीके से शुधरा और पीछे मुड कर कभी नही देखा :

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Neyaz Ahmad

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