Surya Grahan 2024: पितृ पक्ष की आखिरी दिन यानी आज साल का आखिरी और दूसरा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है या सूर्य ग्रहण कन्या राशि और हस्त नक्षत्र में लगने जा रहा है सूर्य ग्रहण आज रात 9:12 पर शुरू होगा और इसका समापन 3 अक्टूबर की मध्य रात्रि में 3:17 होगा।
8 साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है सूर्य ग्रहण को एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना गया है ज्योतिष शास्त्र में भी इसका विशेष महत्व होता है क्योंकि सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है इसलिए जब भी सूर्य से जुड़ी कोई हलचल तेज होती है तो उसका सीधा प्रभाव धरती पर रहने वाले जीवों पर पड़ता है ऐसे में सूर्य ग्रहण को लेकर वैज्ञानिक ही नहीं बल्कि ज्योतिष भी संचित रहते हैं साल का आखिरी सूर्य ग्रहण कन्या राशि और हस्त नक्षत्र में लगने जा रहा है चलिए जानते हैं साल के आखिरी सूर्य ग्रहण से जुड़ी कुछ खास बातें।
भारत में क्या दिखाई देगा सूर्य ग्रहण।
साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण अश्वनी कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर आज लगने जा रहा है यह ग्रहण दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी भागों प्रशांत महासागर और अटलांटिक चिली पेरू कर्नाटक अर्जेंटीना उरुग्वे ब्यूनस आर्यन बेक आइलैंड फ्रेंच पुलिस सीनियर महासागर उत्तरी अमेरिका के दक्षिणी भाग फिजी न्यू चिल्ली ब्राजील मेक्सिको और पेरू में कुछ जगह पर दिखाई देगा।
भारतीय समय अनुसार साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण आज लगने जा रहा है यह ग्रहण भारतीय समय अनुसार आज रात 9:12 पर शुरू होगा इस ग्रहण का समापन 3 अक्टूबर की मध्य रात्रि 3:17 होगा इस सूर्य ग्रहण का मध्य समय रात 12:15 होगा।
सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा या नहीं।
यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दृश्य होगी इसलिए इसका सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा यानी कि इस ग्रहण का भारत पर भौतिक प्रभाव अत्यधिक प्रभाव सूतक का प्रभाव या किसी प्रकार का भी धार्मिक प्रभाव नहीं पड़ने वाला है।
इस ग्रहण के दौरान भारत में रहने वाले सभी लोगों के लिए सामान्य दिनचर्या होगी शास्त्रों की मां ने तो ग्रहण जहां लगता है और जहां दिखता है वहीं इसका प्रभाव भी पड़ता है इसलिए भारत में या ग्रहण न दिखाने के कारण इसका कोई भी प्रभाव भारत वासियों पर नहीं होने वाला है।
सूर्य ग्रहण का दुनिया पर प्रभाव।
इस बार सूर्य ग्रहण कन्या राशि में लगने जा रहा है ग्रहण के समय सूर्य पर राहु की पूर्ण दृष्टि रहेगी साथ ही शनि के साथ सूर्य का संस्थापक योग भी बनेगा और केतु भी सूर्य में मौजूद रहेंगे साथ ही इस ग्रहण में सूर्य चंद्रमा बुध और केतु का संयोग बनेगा यह राहु और केतु का कक्षा मीन और कन्या राशि में प्रभावशाली होगा
इसमें सूर्य मंगल और केतु का भी प्रभाव बन गया है यह स्थिति दुनिया भर में राजनीतिक रूप से भयंकर उथल-पुथल मचा सकती है शेयर बाजार और दुनिया घर की आर्थिक स्थिति हिल सकती है कन्या और मां मीन राशि का प्रभाव विश्वभर में युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं के संकेत दे रहा है।
क्या है सूर्य ग्रहण।
सूर्य ग्रहण कब लगता है जब सूर्य चंद्रमा और पृथ्वी एक रेखा में आ जाते हैं और जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है जिससे चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है और धरती के ही एक भाग पर अंधेरा छा जाता है तो यही सूर्य ग्रहण कहलाता है।
ग्रहण की सावधानियां।
ग्रहण काल में सामान्य सूतक लग जाता है इस काल में बहुत सारी सावधानियां का पालन करना पड़ता है हालांकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा इसलिए नियमों के पालन की कोई आवश्यकता नहीं होगी गर्भवती महिलाओं को भी चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है हालांकि जिन जगहों पर या ग्रहण दिख रहा है वहां रहने वाले भारतीय सूतक के नियमों का पालन कर सकते हैं।
ग्रहण काल में क्या करना लाभकारी होगा।
ग्रहण काल में मंत्र जाप करना ध्यान करना विशेष लाभकारी होगा ।
ग्रहण काल में की गई पूजा निश्चित रूप से स्वीकार होती है ।
मंत्र सिद्ध करना या दीक्षा लेना ग्रहण काल में विशेष शुभ माना जाता है।
ग्रहण के बाद स्नान करके किसी निर्धन को दान अवश्य करें।
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