Vinesh Phogat Paris Olympic 2024 : पेरिस समर ओलंपिक 2024 में इतिहास रचते हुए विनेश फोगाट ने सेमीफाइनल को जीत कर फाइनल में प्रवेश कर लिए है अब मेडल पक्का हो चुका है:
विनेश फोगाट ने मंगलवार को महिला 50किलोग्राम फ्रीस्टाइल इवेंट खेल के सेमीफाइनल में कोयुबा की रेसलर यूसनेइलिस गुजमैन को 5 – 0 से करारी शिकस्त दी अब विनेश का फाइनल बुधवार को होगा उनके पास फाइनल जीत कर स्वर्ण मेडल जीतने का सुनहरा मौका है।
भारत की स्टार पहलवान विनेश फोगाट ने इतिहास रच दिया है।
उन्होंने पेरिस समर ओलंपिक 2024 में भारत के लिए सिल्वर मेडल पक्का कर दिया है विनेश ने महिला 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल इवेंट के फाइनल में एंट्री कर ली है वह ओलंपिक इतिहास में महिला कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर भी बन गई है।
विनेश फोगाट ने मंगलवार को महिला 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल इवेंट के सेमीफाइनल में कोयुवा की रेसलर को हराकर सेमीफाइनल जीत कर फाइनल में प्रवेश की. बता दे कि ओलंपिक की शुरुआत 1896 में हुई थी पहले सीजन में रेसलिंग शामिल थी मगर 1904 से कुश्ती को रेगुलर रखा गया मगर महिला रेसलर को ओलंपिक में 2004 से एंट्री मिली है इसके बाद भारतीय पहलवान साक्षी मलिक ने 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीत कर भारत को दिलाया था मगर अब दिनेश ने फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया है।
देसी अखाड़े से की शुरुआत अब पहुंची है स्वर्ण पदक के पास।
विनेश फोगाट का सफर आसान नहीं रहा है उन्होंने कई संघर्षों के बावजूद आज इस मुकाम पर पहुंची है कि भारत को स्वर्ण पदक दिला सकती हैं। कुश्ती को पुरुषों का खेल मानने वाले ग्रामीणों का विरोध से जूझने से लेकर 9 साल की उम्र में अपने पिता को खोने से लेकर शक्तिशाली महासंघ के अधिकारियों से मिलने तक दिनेश फोगात ने अपने सपनों को साकार करने के लिए रास्ते में बहुत अनगिनत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
आलोचकों को दिया मुंहतोड़ जवाब।
निराशा के भर में डूबने के बजायउन्होंने अपने आलोचकों को मुंहतोड़ जवाब दिया है और 12 साल में दो असफल प्रयासों के बाद भी ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई है उथल-पुथल भरे दौर में उन्हें पूरा यकीन था कि उनकी लड़ाई न्याय संगत थी और इसमें वे विजई भी हुए।
5 साल से अधिक समय तक 53 किलोग्राम की प्रतिस्पर्धा करने के बाद उन्हें 50 किलोग्राम में उतरना पड़ा।
ओलंपिक क्वालीफायर से पहले उनके ट्रायल मुकाबले में कई समस्या आई थी और फिर 2016 के रियो ओलंपिक में इंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट के फटने के बाद घुटने की सर्जरी से गुजरना पड़ा. इससे उनका करियर लगभग खत्म सा हो गया था. हरियाणा की इस युवा पहलवान के लिए पेरिस ओलिंपिक तक का सफर तय करना बहुत मुश्किलो भरा था बहुत कुछ दाव पर लगा था आम लोग भी हार मान लेते हैं लेकिन उन्होंने नहीं मानी हार।
विनेश फोगाट आज स्वर्ण पदक दिला कर भारत का नाम करेंगी रोशन।
अगर विनेश फोगाट आज होने वाले फाइनल मुकाबले में अगर जीत हासिल कर लेती है तो वह भारत की पहली महिला पहलवान होगी जो भारत को स्वर्ण दिलाएंगे उन्होंने फाइनल में जगह बनाते हुए भारत का नाम रोशन कर दिया है अब देखना यह है कि आज उनका मुकाबला कैसा जाता है हर भारतवासी की निगाहें आज उन पर होगी।
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