Abdul kalam Ji Death Anniversary: अब्दुल कलाम जो भारत के 11 प्रेसिडेंट थे। जिन्हें “जनता का प्रेसिडेंट” कहा जाता था। क्योंकि उनकी शख्शियत ही कुछ ऐसी थी। “भारत का मिसाइल मैन” IIM शिलांग में अपनी स्पीच के दौरान आज ही के दिन सबको अलविदा कह गए थे। साल 2015 तारीख़ 27 जुलाई। तमिल मुस्लिम परिवार से आने वाले अब्दुल कलाम का जीवन गरीबी से घिरा हुआ था बचपन में वो अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए अखबार बेचते थे।
तमाम दिक्कत हो और गरीबी के बावजूद भी अपने बुलंद हौसलों के चलते उन्होंने अपना रास्ता ISRO तक बनाया। अपने नाम के साथ तमाम उपलब्धियां जोड़ने के बाद भी अब्दुल कलाम आखिरी दम तक जमीन से जुड़े रहे। उनके अंदर समाज के सभी लोगों के लिए दया और प्यार था।
बच्चों से ऐसा प्यार था कि जब वे भारत के प्रेसिडेंट थे तब वह स्कूल टाइमिंग पर कभी भी अपनी रेलिया नहीं निकलते थे। और इसकी वजह ताकि बच्चों को तकलीफ ना हो। जिससे वे घर देरी से न पहुंचे। घर वालों को उनकी फ़िक्र न हों। ऐसे थे हमारे मिसाइल मैन। जो आसमान छूने के बाद भी जमीन से जुड़े रहे।
उनके प्रेरणादायक विचार जो लगातार बढ़ाएंगे आपको आगे।
“सूर्य की तरह चमकने के लिए पहले आपको उसकी तरह तपना होगा”
अब्दुल कलाम जी का यह विचार लगातार अपने लक्षण की ओर आगे बढ़ने की राह में जैसे जलती हुई आग में जैसे घी डालने का काम करता है। अगर हम अपने आसपास भी ऐसे लोगों को देखें जो काफी ऊंचाइयां छू रहे हैं। तो उन सभी ने एक समय पर दिन रात एक कर दिया था। जब आप ऐसा करेंगे तब सफलता तो आपकी कदम चूमेगी ही।
” सफलता का आनंद लेने के लिए, इंसान को कठिनाइयों की जरूरत होती है।”
इंसान की सबसे बड़ी शिक्षा उसकी गलतियां होती हैं। अगर कोई गलतियां ही ना करें तो उसकी जिंदगी कितनी निराश हो जाएगी। साथ ही उसे पता ही नहीं चलेगा की मुश्किलें क्या होती हैं, तो वह उनसे लड़ेगा कैसे? जो बच्चे शुरू से ही अपनी कक्षा में अव्वल आते रहे हो, ऐसे में जब उनके अच्छे अंक नहीं आते हैं तो सबसे ज्यादा वही परेशान होते हैं। इसलिए मुश्किल और असफलताओं को चखते रहने में कोई नुकसान नहीं है।
“इंतजार करने वालों को केवल उतना ही मिलता है जो कोशिश करने वाले अपने पीछे छोड़ देते हैं”
मिसाइल मैन का यह विचार सुनकर मानो अपना लक्ष्य एकदम ही याद आ जाता है। सही समय और अपनी किस्मत के भरोसे बैठे रहने से आज तक तो किसी को कुछ मिला नहीं है। और आगे भी नहीं मिलेगा। उदाहरण हमारे सामने खुद मिसाइल मैन ही है। जिनके सामने भी काम चुनौतियां नहीं थी। चुनौतियों से ज्यादा ध्यान अपने लक्ष्यों पर दिया।
“आप और आपके लक्ष्य के बीच का अंतर, केवल वो एक कहानी है जो आप खुद को बार-बार सुनाते हैं”
यह खुद को सुनने वाली कहानी कहानी बहाने भी हो सकते हैं। और हजार मुसीबत से लड़कर अपना रास्ता बनाने को लेकर आपके विश्वास की कहानी भी हो सकती है।
“बाकी सभी पक्षी बारिश के दौरान आराम के लिए अपनी जगह ढूंढते हैं, लेकिन बाज़ तेज़ बारिश में भी उड़कर ही अपने आश्रय को ढूंढता है। समस्याएं तो सब एक सी ही होती हैं, लेकिन फर्क केवल नज़रिए का होता है।”
मिसाइल मैन का ये विचार अपने मुकाम पर चमकने वाले लोगों के नजरिए को बखूबी दिखाता है। जो लोग अक्सर भीड़ से अलग दिखते हैं। वह उनका नजरिया ही है जो उन्हें ऐसा दिखता है।
ऐसे ही और भी अपडेट्स से जुड़े रहने के लिए जुड़े रहे BH24NEWS से…
Also Read This: Paris Olympics Opening Ceremony: हिंदी भाषा को मिल रही वैश्विक पहचान… लैंगिक समानता कार्यक्रम में हिंदी को भी स्थान।