Centers for Disease Control and Prevention Report: आपकी बदलती उम्र के हिसाब से नींद की जरूरत भी बदलती रहती है। ऐसा कहना है हाल ही आई CDC की रिपोर्ट का। अच्छी नींद हमारी फिजिकल और इमोशनल वेल बीइंग दोनों के ही लिए जरूरी है।
किस उम्र के व्यक्ति के लिए कितनी नींद है ज़रूरी
CDC की रिपोर्ट के मुताबिक़ कितना सोना उम्र के मुताबिक़ जरूरी
0 से 3 महीने का नवजात शिशु = 14 से 17 घंटे की नींद जिसमें नींद की झपकियां भी शामिल है।
4 से 12 महीने का छोटा बच्चा = 12 से 14 घंटे की नींद जिसमें नींद की झपकियां भी शामिल है।
1 से 2 साल का बच्चा नन्हा बच्चा = 11 से 14 घंटे की नींद जिसमें नींद की झपकियां भी शामिल है।
तीन से पांच साल का बच्चा = 10 से 13 घंटे की नींद जिसमें नींद की झपकियां भी शामिल है।
6 से 12 साल का बच्चा = 9 से 12 घंटे की नींद
13 से 17 साल के बीच का टीनएज = 8 से 10 घंटे
18 से 60 साल का व्यस्त = 7 या उससे ज्यादा घंटे की नींद
61 से 64 साल तक के सीनियर सिटीजंस = 7 से 9 घंटे की नींद
65 या उसके ऊपर के बुजुर्ग जन = 7 से 8 घंटे की नींद
उम्र के हिसाब से सोने के अलावा भी आपके शरीर के प्रोपर फंक्शनिंग के लिए और चीज़ें भी ज़रूरी हैं।
जानते हैं क्या हैं वो जरूरी फैक्टर्स
स्लीप क्वालिटी: अगर आपकी नींद बीच बीच में खुल रही है। तो ये क्वालिटी स्लिप नहीं है। कितने घंटे हम सोए इससे क्वालिटी स्लीप से कोई मतलब नहीं है। लेकिन जितनी देर हम सोए, उस दौरान शरीर को आराम मिला या नहीं। वो है क्वालिटी स्लीप।
पहले की थकान: पिछली थकान भी जमा हो जाती है। जो नींद की मांग करती हैं। इसलिए अगर आपका रूटीन लगातार बिज़ी है तो केवल अपनी उम्र के हिसाब से नींद लेने से काम नहीं चलेगा।
बढ़ती उम्र: जैसे जैसे उम्र बढ़ती है हमारे सोने का तरीका भी बदल जाता है। उम्रदार लोगों को सोने में भी दिक्कत होती है साथ ही उनकी नींद बहुत हल्की भी होती है।
स्लीप डिसऑर्डर: स्लीप डिसऑर्डर हेल्थ कंडीशन सबसे बड़ा कारण है – की व्यक्ति को नींद ही बड़ी मुश्किल से आती है। और नींद आ भी जाए तो क्वालिटी नहीं होती है।
Related Article: Imsomnia Sleep Disorder : इन्सोमनिया डिसऑर्डर जिसमे होती है …
Sleep Apnea: बना सकता है आपके दिल को बीमार, डॉक्टर से जानें किन …
प्रेगनेंट लेडी: प्रेगनेंसी में हार्मोनल चेंजेज के चलते भी नींद प्रभावित होती है।
कुछ आदतें बदल सकती हैं स्लीप क्वालिटी
- सोने से आधे घंटे पहले सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज से दूरी बना लेना। सोने से पहले स्क्रीन टाइम काफी कम होना चाहिए क्योंकि उसकी हानिकारक ब्लू लाइट, की नींद को डिस्टर्ब करती है। ऐसे में अगर आप अपने पास फोन या लैपटॉप ना लेकर सोए तो और भी अच्छा है। फिर आप अपने फोन को फ्लाइट मोड पर भी रख सकते हैं।
RELATED ARTICLE: Increased Screen Timing स्क्रीन टाइम बढ़ने से होने वाले नुक़्सानों को ऐसे रोकें। (bh24news.com)
- रोज एक ही समय पर सो जाने की आदत डालें। साथ ही एक ही समय पर उठने की आदत डालें। ऐसा करने से आपके दिमाग को ऐसा ही करने का मैसेज मिलेगा।
- जहां भी आप सो रहे हैं उस जगह को अपने अनुकूल बनाएं। अगर मच्छर है तो आप उसके लिए मच्छरदानी या अन्य इंतजाम कर सकते हैं। सुनिश्चित करें किकम्फ़टेबल मैट्ट्रेस हो। वातावरण में शोध शराब न हो। साथ ही मौजूद संसाधनों से तापमान को अपने अनुकूल करने की कोशिश करें।
- रात का भोजन थोड़ा हल्का ही करें। इससे भी आपकी नींद की गुणवत्ता अच्छी होगी। साथ ही स्मोक और ड्रिंकिंग भी स्लीप क्वालिटी को डिस्टर्ब करती है।
पूअर स्लीप के लक्षण
- नींद आने में दिक्कत होना।
- नींद के बीच से कई बार जागना
- सोने के बाद भी थकान महसूस होना।
RELATED ARTICLE: Hypersomnia Sleep Disorder : नींद के नशे वाला डिसऑर्डर। होता है …
क्यों जरूरी है नींद
- ऐसी घटनाएं सुनने को मिलती रहती है जब नींद आने के चलते वाहन हुआ हादसे का शिकार। ऐसे में नींद का पूरा होना कितना जरूरी है आप समझ ही सकते हैं।
- नींद के कुछ जरूरी फायदे
- अच्छी नींद लेने से हेल्दी वेट रहता है।
- नींद पूरी करने से बीमार भी कम पड़ते हैं।
- नींद पूरी होने पर मन तरोताजा रहता है।
- दिमाग़ फ्रेश रहता है। चीज़ें कम भूलते हैं।
- अच्छी नींद थकान को कम करती है।
- हार्ट हेल्थ रहती है बेहतर।
- दुर्घटना होने की संभावनाएं कम होगी।
- चिरकाली बीमारियां होने का खतरा कम
ऐसे ही और भी पोस्ट पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट BH24NEWS को एक्सप्लोर कर सकते हैं।