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Fake Friends: जो लोग अपने दोस्तों को अपनी बातें मनवाने के लिए इस्तेमाल करते हैं… उनमें जरूर होती है यह आदतें…

Fake Friends: जो लोग आपको कंट्रोल करके मैनिपुलेट करने की कोशिश करते हैं। उन में दिखने वाली आदतों के बारे में इस पोस्ट में जानेंगे।

Fake Friends: क्या आपके ऐसे दोस्त हैं जो आपको कंट्रोल करने की कोशिश करें। और उसे फ्रैंडशिप का हवाला दें। तो वह आपके हितेषी तो बिल्कुल भी नहीं है, जबकि आपको अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं। सही और गलत के बीच में फर्क बताना और अपनी बात थोप देना दोनों में अंतर है। हमारे मैनिपुलेटिव दोस्त यह इस तरीके से कहते हैं कि हमें पता ही नहीं चल पाता है। लेकिन एक बार उनके इंटेंशन का पता चलने के बाद पता लगाना आसान होगा कि कब वे हमे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। फ़िर उनसे दूरी बनाना इतना मुश्किल नहीं होगा

इस पोस्ट में ऐसे ही कुछ साफ दिखने वाले संकेतों का जिक्र है।

जिससे आप उन मैनिपुलेटिव ओर कंट्रोलिंग दोस्तों के छिपे चेहरों को पहचान पाएंगे।

 

किसी भी बात में, अपनी बात ले आना

अपनी बातों से हेर फेर करने वाले लोग बातें बनाने में माहिर होते हैं। उन्हें बात करने का बहुत शौक होता है। वे हर कन्वर्सेशन का मोड़ अपनी तरफ कर लेते हैं। कुछ खास तरह के लोगों के बीच में आपको ऐसा महसूस होता है कि आपकी बात सुनी ही नहीं जा रही है। आपको दबाया जा रहा है। आपको समझ जाना चाहिए कि उनका नेचर की मैनिपुलेटिव और कंट्रोलिंग है। से मैं आपके लिए अच्छा होगा कि इन लोगों से दूरी ही बना कर रखें। जहां आपको कद्र महसूस ना हो। उन लोगों से दूरी बनाने में ही भलाई है।

उनकी ख़ुद की गलतियों के लिए आपको अपराध बोध महसूस कराना

अपनी बातों को घुमा फिरा कर इस तरह से रखने की आपको गिल्ट महसूस हो। अक्सर इमोशनली ब्लैकमेल करके सामने वाला ये दिखाने की कोशिश करे आपके कुछ करने से या अपने लिए खड़े होने से काम खराब हो गया। आपसे ऐसी बातें कहेंगे जिससे आपको लगेगा कि आपने कोई बहुत बड़ी गलती कर दी है।
अगर ऐसा बार-बार होता है तो आपको समझने की जरूरत है कि, गलती आपकी नहीं है गलत वह इंसान है।

आपकी गुप्त बातों को, आपके खिलाफ इस्तेमाल करना।

ऐसे लोग आपके किसी भी सीक्रेट को अपने फायदे के लिए बाहर लाने में जरा भी नहीं हिचकिचाएंगे। वे अक्सर ऐसी किसी बात को आपके खिलाफ एक हथियार की तरह इस्तेमाल करते हैं। हेल्दी रिलेशनशिप में अपने सीक्रेट्स बताने से नींव मजबूत होती है जबकि किसी मैनिपुलेटर को आपकी जिंदगी से जुड़ी कोई जरूरी बात पता चल जाए तो वह उसे आपके खिलाफ ही इस्तेमाल करेगा। इसलिए आपको यह समझना बेहद जरूरी है। आप ही खुद से जुड़ी कोई खास बात ऐसे ही सभी को ना बताएं।

खुद को बेचारा दिखाना

ऐसे लोगों में खासकर यह देखने को मिलता ही है।
अक्सर खुद को बेचारा और सीधा-साधा दिखाने की कोशिश करते हैं। इस बात को समझे कि सीधा-साधा होने में और दिखने में भी फर्क होता है। लगातार होने पर दिख भी जाता है। वे ऐसा इसलिए करते हैं जिससे उन पर विश्वास हो सके। उनका पता इस बात से भी लगा सकते हैं – इस तरह के लोग हमेशा आपको यह कहते हुए मिलेंगे कि उनके साथ बहुत बुरा हुआ उन्हें धोखा मिला उनके साथ किस तरीके से गलत किया गया। इसे और भी बड़ा चढ़ा कर बताना। ताकि वे आपका विश्वास जीत सके। इस तरह के ओवर ड्रैमेटिक लोगों का ड्रामा पकड़ना आपका काम है।

आपकी बनाई बाउंड्रीज को ना मानना।

ऐसे लोग हर वक्त ही अपना कंट्रोलिंग नेचर नहीं छोड़ते। ऐसे में भी आपके पर्सनल स्पेस में भी घुसने की कोशिश करेंगे। आपकी बनाई बाउंड्रीज को तोड़कर वह अपनी चलाने की कोशिश करेंगे। यह सब होता है आपको अनकंफरटेबल सिचुएशन में डालने के लिए। आपके साथ भी ऐसा होता है तो आपको इसे बर्दास्त बिल्कुल नहीं करना चाहिए। यह कोई छोटी-मोटी बात नहीं है बल्कि लम्बे समय तक ऐसा होने पर आप मानसिक रूप।से थका हुआ महसूस करेंगे। जो सच में आपके दोस्त होंगे वह आपकी बनाई हुई है बाउंड्री को भी मानेंगे।

हर वक्त आपकी कमियां निकालना

ऐसे लोग लगातार आपको क्रिटिसाइज करते हुए मिलेंगे। वे लगातार आपको यह कहते हुए मिलेंगे कि तुम्हें यह नहीं यह कहना चाहिए था। तुम्हें यह तो आता ही नहीं है। आपको ऐसी चीज बोलना जिससे आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस बिल्कुल गिर पड़े। अगर ऐसा लगातार होता रहे, तो इंसान का खुद पर से ही भरोसा उठ जाता है। ऐसे में आपको हम हैं रहते इन लोगों के असली चेहरे को देखना चाहिए।

ऐसे लोग लगातार आपसे, अलग-अलग तरह से बर्ताव करेंगे।

तथा के लोग कभी तो आपसे बेहद अच्छे से पेश आएंगे की आपको लगे कि इसे अच्छा दोस्त तो आपका कोई है ही नहीं। अगले ही पल कुछ अलग तरीके से महसूस करेंगे। फ़िर कुछ अलग। फिर कुछ अलग। और ये ऐसे ही होता रहेगा। यक़ीन मानें इन अनप्रिडिक्टेबल लोगों की आपको कोई ज़रूरत नहीं है।

 

अपने आप पर से भरोसा उठ जाना

ये सबसे ज्यादा खतरनाक स्थिति है। जब मैनिपुलेशन और कंट्रोल हाथ से ज्यादा बढ़ जाता है तो वह इस स्टेज में पहुंच जाता है जहां मुझसे ज्यादा यकीन बाकी लोगों पर होता है। यहां हम खुद पर ही सवाल करने लगते हैं कि क्या यह सच में हुआ था। मैनिपुलेशन के विक्टम पर इस कदर कंट्रोल किया गया होता है कि वो अपनी फीलिंग्स को या किसी भी बात को एकदम डिसमिस कर देता है। ऐसे में इन खतरनाक लोगों से पहले ही सावधान हो जाए। यह सामान्य सी दिखने वाली चीज आगे चलकर काफी भयावह रूप ले सकते हैं।

इस पोस्ट में हमने कंट्रोलिंग और मैनिपुलेटिव दोस्तों की बात की है। जो असल में हमारे दोस्त नहीं है जबकि हमें उनके फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं। और जब यह मैनिपुलेशन और कंट्रोल हद से ज्यादा बढ़ जाए तो काफी खतरनाक हो सकता है

 

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