Opposition Leader Responsibilities: राहुल गांधी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता (LoP)के रूप में शपथ ली है। उनके ऊपर अब अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा और सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ हैं। आइए जानते हैं उनकी भूमिका के बारे में।
विपक्ष के नेता: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 24.6.24 सोमवार को नई दिल्ली में 18वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेते समय संविधान की प्रति दिखाई।
विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी का मुख्य काम सरकार की नीतियों का ‘प्रभावी’ रूप से विरोध करना है। उन्हें संसद में सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी और वैकल्पिक नीतियाँ पेश करनी होंगी।
1. सरकार की नीतियों का विरोध/प्रश्न करना: राहुल गांधी को संसद में सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने होंगे, लेकिन संसद की कार्यवाही को बाधित नहीं करना है।
2. पीएम का ‘छाया’ रूप: विपक्ष का नेता ‘छाया प्रधानमंत्री’ के रूप में होता है। यदि उनकी पार्टी चुनाव जीतती है या वर्तमान सरकार गिरती है, तो वह सरकार बनाने के लिए तैयार रहते हैं।
3. बहस की मांग करना: अगर सरकार किसी महत्वपूर्ण मुद्दे को नजरअंदाज करने की कोशिश करती है, तो राहुल गांधी बहस की मांग कर सकते हैं।
4. नीति पर प्रधानमंत्री से परामर्श: विदेश नीति और रक्षा नीति जैसे मामलों में प्रधानमंत्री विपक्ष के नेता से परामर्श कर सकते हैं।
5. विदेश में पार्टी राजनीति से बचना: विदेश में रहते हुए राहुल गांधी को पार्टी राजनीति से दूर रहना होगा और राष्ट्रीय एकता को महत्व देना होगा।
6. अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा: विपक्ष के नेता के रूप में, राहुल गांधी अल्पसंख्यकों के अधिकारों के प्रवक्ता होंगे और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाएंगे।
7. महत्वपूर्ण नियुक्तियों में भूमिका: राहुल गांधी महत्वपूर्ण अधिकारियों जैसे सीबीआई निदेशक, मुख्य चुनाव आयुक्त और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति प्रक्रिया में हिस्सा ले सकते हैं।
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