Prioritize Yourself: आज के इस मतलबी दुनिया में, अगर आप भी केवल बाकी सब की जरूरत का ही ख्याल रखते रहते हैं। सबके बीच में आप खुद को तो जैसे भूल ही गए हैं। लेकिन खुद को खुश करके रखना आपकी ही जिम्मेदारी है। जब इंसान हर चीज से थक जाता है, आप उसमें कुछ बातें साफ तौर पर देखने को मिलती है। दिल का जिक्र हम यहां करने वाले हैं।
हमेशा थका थका सा महसूस होना
अगर आपको हर वक्त थका थका सा महसूस हो। कैसे आपके अंदर एनर्जी बची ही न होना हो। ऐसी स्थिति तब भी देखने को मिलती है जब हम सभी काम के लिए हां बोल देते हैं। ताकि किसी को बुरा ना लगे। ऐसा करने से आपको अपने लिए समय ही नहीं मिलता। और फिर आप हर वक्त थाकी थके से दिखते हैं।
खुद से ऊपर बाकी लोगों को रखना की आदत बन गई है। तो अब समय आ गया है जब आपको अपने लिए वक्त निकालना होगा। ख़ुद को प्रायोरिटी पर रखना होगा।
कॉन्फिडेंस की कमी आ जाना
आपको लगातार ऐसा महसूस होता है कि आप किसी लायक नहीं है। या आपको कुछ आता नहीं है। छोटे से छोटा डिसीजन लेने के लिए भी आपको बाकी लोगों की जरूरत महसूस होती है। इसका मतलब भी यही है कि आप खुद को प्रायोरिटी पर नहीं रखते हैं। आप जैसे भी हैं बहुत अच्छे हैं। किसी और के अप्रूवल की आपको कोई जरूरत नहीं है। अब आप अपने ऊपर ध्यान देना शुरू करें। खुद की केयर करना शुरू करें।
आप हमेशा व्यस्त रहते हैं लेकिन आपका काम पूरा नहीं होता
जब इंसान बाकी सभी जिम्मेदारियों के बोझ तले दब जाता है तब अक्षय वह इंसान काम में व्यस्त रहता है फिर भी उसका काम नहीं हो पाता। अगर आप भी खुद को इस तरह की स्थिति में महसूस करते हैं। वक्त आ गया है अपने ऊपर काम करने का। खुद को प्रायोरिटी बनाने का।
हर वक्त चुप रह जाना।
अगर आप अपना पक्ष रखते ही नहीं है इसलिए की कोई बात ना बड़े या लड़ाई झगड़ा ना हो। लड़ाई झगड़े से बचने के लिए केवल आपको ही झुकना पड़ता है तो अब रुक जाइए। क्योंकि इस तरह से कोई भी रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं चल पाएगा। नए तरीके के बोर्ड से खुद आजाद महसूस करवाएं। अपने लिए स्टैंड ले। गलत को गलत पर सही को सही बोले। साथ ही, अपने ऊपर कम करें।
“ना” बोलने में बेहद दिक्कत होना।
कभी ऐसा हुआ है जब आप किसी काम को करने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है। लेकिन आपको ना बोलने की आदत नहीं है। ना चाहते हुए भी आपके मुंह से हां ही निकलता है। इसका खामियाजा आपको भी बताना पड़ता है। आपको अपनी सादात के ऊपर काम करना चाहिए। बाकी सब के साथ-साथ अपना भी ख्याल रखना आपकी का काम है।
आप केवल सुनते हैं, बोलते नहीं
आपके साथ ऐसा होता है कि आप बाकी सब की जरूरत का ख्याल तो रखते हैं लेकिन जब आपकी बारी आती है आपको वह देखने को नहीं मिलता। आप सबकी सुनते हैं। लेकिन बोलते नहीं। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि आपने औरों से ज्यादा प्रायोरिटी बाकी लोगों को दी है इसलिए उनकी बातें, तकलीफें आपके लिए ज्यादा बड़ी हैं। और अपनी बातों को आप हम जरूरी मानकर के साथ शेयर ही नहीं करते हैं। आपको ऐसा लगता है कि कोई सुनकर भी क्या ही करेगा, कोई क्या कहेगा। तो अब वक्त आ गया है जब आप खुद को भी जरूरी समझे।
कब थे आखरी बार खुश याद नहीं।
जिम्मेदारियां में काम में इतना फस जाना कि अपने लिए बिल्कुल ही समय न निकलना। जब आप लगता है औरों के लिए हाज़िर रहते हैं। अपने बारे में सोचना भी भूल जाते है। तब आप केवल जीवन काट रहे हैं, जीवन जी नहीं रहे हैं। तब वो लोग भूल ही जाते हैं की आखिरी बार वो कब खुश थे कब उन्होंने मजे मस्ती की थी। अगर आपको भी अपनी खुशी भरे दिन याद ही नहीं है। समय आ गया है कि खुद ऐसे दोनों को बनाएं। खुद खुश रखें, अपना ख्याल रखें। ओर प्रायोरिटी पर रखें।
इनमें से एक भी चीज आपको अपने अंदर दिखाई देती है। ऐसा तभी होगा जब आप खुद से ज्यादा खास बाकियों को मानेंगे। खुद को बिल्कुल भी कम ना समझे। औरों के साथ साथ अपनी खुशियों की जिम्मेदारी भी लें.
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